Guru Ji’s Guidance
"भाग्य मंदिर परिवार " परम् श्रद्धये श्री सौरभ गुरुजी के मार्गदर्शन से अस्तित्व में आया । कुछ वर्षों पूर्व जो सिलसिला 15 लोगो से आरंभ हुआ था आज वह लगभव 2 लाख लोगों तक पहुच चुका है और लगातार बढ़ता चला जा रहा है । संस्था के सुकार्यो से प्रभावित होकर जनसामान्य लगातार संस्था से जुड़कर उसके कार्यो में सहयोग कर रहा है ।
संस्था का सबसे पहला कार्य यह है कि संस्था गुरुजी और श्रद्धालुओं के बीच का सेतु है । श्रद्धालुयों की गुरुजी से बात करवाना , गुरुजी से भेंट करवाना और गुरुजी से ऑनलाइन माध्यमों से श्रद्धालुओं को जुड़ने का सुअवसर संस्था के माध्यम से ही होता है ।
प्रत्येक दिन भाग्य मंदिर परिवार के स्वयंसेवी का कार्य श्रद्धालुओं के कॉल लेना उनका नामो को सूचीबद्ध करना और गुरुजी की समय की उपलब्धता के अनुसार सभी श्रद्धालुओं को उनका मार्गदर्शन प्राप्त हो यह सुनिश्चित करना होता है । भाग्य मंदिर परिवार में लगभग 200 स्थायी और 1000 अस्थायी स्वयंसेवी लगातार लोक हित मे कार्य करते रहते है ।
भाग्य मंदिर परिवार जनकल्याण के विभिन्न कार्य करता रहता है । परंतु सबसे महत्वपूर्ण तीन कार्य जिनपर भाग्य मंदिर परिवार का सबसे अधिक ध्यान रहता है वह है
शिक्षा , चिकित्सा और स्वास्थ्य ।
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